Saturday, 7 April 2012

why


         " क्यों"
हम सब क्यों है ? शायद मैं सही तरह से अपनी बात नहीं रख पा रहा हूँ मेरे कहने का मतलब है की हम सब क्या एक  वैज्ञानिको द्वारा बताये गए 'big bang' नामक प्रक्रिया के नतीजा है या हमारा एस संसार में आने का कोई मकसद या कारण है ,
                                         एक विज्ञानं का विद्यार्थी होने के नाते मेरा मस्तिष्क यह मानना चाहता है की हम सब इस संसार में बिना किसी मकसद के है मगर bigbang से पहले का क्या ,वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे है
मेरा मन या यूँ कहूं की किसी का मन यह नहीं चाहेगा की १९-२० साल तक उसने जो भी पढ़ा या सोचा वह गलत है मगर मैं अपने आप को नहीं रोक पा रहा हु यह जानने के लिए की "मैं इस दुनिया में क्यों हूँ " क्यूंकि मेरे हिसाब से यह सब से बडा प्रश्न है चाहे हम कितना भी पढ़ते चके जाये लेकिन अगर हमे यही नहीं पता की हमारे वजूद का क्या कारण है तो हममे और पशुओ में क्या अंतर है , या हो सकता है आज मैं ज्यादा ही सोच रहा हु रात्रि के ३ बज चुके है मुझे अब सो जाना चाहिए  क्यूंकि सुबह का नाश्ता मैं नहीं छोड़ना चाहता जो की आलू के पराठे है , क्यूंकि हमारे हॉस्टल में सिर्फ सुबह का नाश्ता ही अच्छा मिलता है |