समय ३:२५ हो रहा है , अब इसे मैं रात्रि के ३ बजे कहू या सुबह के , खैर आज फिर कई दिनों बाद कुछ लिखने का मन कर रहा था , लेकिन मैं देल्ही की सरद रात्रि का आनंद ले कर सोने की कोशिस कर रहा था , क्यूंकि कल सुबह प्रातः ८ बजे से क्लास है , परन्तु आखिर में फिर एक बार मन जीता और मस्तिस्क हार गया और मैं फिर अपने सबसे सचे मित्र लैपटॉप के साथ बैठ गया , वैसे आज मेरा जन्मदिवस है,हो सकता है इसी कारण आज मेरा कुछ लिखने का मन कर रहा हो , और हर बार की तरह इस बार भी मेरी माँ ने मुझे सबसे पहले बधाई दी और हर बार की तरह इस बार फिर मैं घर नहीं जा पाया , पता नहीं क्यों आज जन्मदिवस होते हुए भी मुझे
अच्छा नहीं लग रहा , ताकि किसी को पता न चल पाए की आज मेरा जन्मदिन है इस कारण मैंने अपना फेसबुक(फेकबुक) अकाउंट से अपना बर्थडे हटा लिया था , क्यूंकि लोगो की बिन चाही बाधइयो एवं फिर उन बाधइयो पे अच्छे अच्छे कमेंट्स का ढोंग अब मुझसे नहीं होता , या फिर कई जगहों की तरह यह जगह भी मेरे लिए नहीं है , लेकिन न चाहते हुए भी कुछ मित्रो ने मुझे रात्रि में काल करके बधाई दी , पता नहीं क्यूँ किसी का भी फ़ोन उठाने का मन नहीं केर रहा था और यह मैं खुद नहीं समझ पा रहा था , लेकिन फिर भी ताकि किसीको ख़राब न लगे तो कुछ बाते वाते करनी पड़ी , हो सकता है की अगर मैं भी इनको पिछले सालो पे इनके जन्मदिनों पे फ़ोन न करता तो ये भी न करते , परन्तु मैं आज चाह रहा था की वे न करे क्यूंकि मैं चाह रहा था की मेरे मित्र किसी नैतिक बोझ के कारण मुझे कॉल न करे , मगर करते भी है तो कोई परेशानी नहीं है |
क्यूंकि उसने मेरे लिए इतना किया तो मैं उसके लिए इतना करूँगा , इसका मतलब मुझे कुछ समझ नहीं आता , लोग कुछ बने हुए नियमो एवम दुसरो को देख कर ही जी रहे है , मैं सिर्फ इतना चाह रहा हु की लोग इन सब झूठे भावनात्मक विचारो को हटाये ,एवम जो वे सच में चाहते है वो करे नाकि सामाजिक एवम नैतिक बोझ में आ कर ,
अच्छा नहीं लग रहा , ताकि किसी को पता न चल पाए की आज मेरा जन्मदिन है इस कारण मैंने अपना फेसबुक(फेकबुक) अकाउंट से अपना बर्थडे हटा लिया था , क्यूंकि लोगो की बिन चाही बाधइयो एवं फिर उन बाधइयो पे अच्छे अच्छे कमेंट्स का ढोंग अब मुझसे नहीं होता , या फिर कई जगहों की तरह यह जगह भी मेरे लिए नहीं है , लेकिन न चाहते हुए भी कुछ मित्रो ने मुझे रात्रि में काल करके बधाई दी , पता नहीं क्यूँ किसी का भी फ़ोन उठाने का मन नहीं केर रहा था और यह मैं खुद नहीं समझ पा रहा था , लेकिन फिर भी ताकि किसीको ख़राब न लगे तो कुछ बाते वाते करनी पड़ी , हो सकता है की अगर मैं भी इनको पिछले सालो पे इनके जन्मदिनों पे फ़ोन न करता तो ये भी न करते , परन्तु मैं आज चाह रहा था की वे न करे क्यूंकि मैं चाह रहा था की मेरे मित्र किसी नैतिक बोझ के कारण मुझे कॉल न करे , मगर करते भी है तो कोई परेशानी नहीं है |
क्यूंकि उसने मेरे लिए इतना किया तो मैं उसके लिए इतना करूँगा , इसका मतलब मुझे कुछ समझ नहीं आता , लोग कुछ बने हुए नियमो एवम दुसरो को देख कर ही जी रहे है , मैं सिर्फ इतना चाह रहा हु की लोग इन सब झूठे भावनात्मक विचारो को हटाये ,एवम जो वे सच में चाहते है वो करे नाकि सामाजिक एवम नैतिक बोझ में आ कर ,